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प्यारे रुपये बतला, इतना नीचे कैसे गिर गया रे !!

angaare
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गड़हे में सरकार गिरे या देश गिरे परवाह नहीं !
आम आदमी महँगी की चक्की में पिस कर मर गया रे !
ऊपर से तेरे नखरे माशा-अल्ला क्या कहने हैं ?
प्यारे रुपये बतला, इतना नीचे कैसे गिर गया रे !!
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जनता देख रही है रुपये, की कोई औकात नहीं !
कहती है सरकार अभी, चिंता की कोई बात नहीं !!
स्वाभिमान गिरवी रख ये, करजा विदेश से लायेंगे !
लोहा, कोयला, शर्म-हया सब बेंच-बांच खा जायेंगे !!
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मैं तेरे से बड़ा खिलाड़ी, हूँ यह साबित करने को !
सत्ताधारी औ’ विपक्ष संसद में दोनों भिड़ गया रे !
ऊपर से तेरे नखरे माशा-अल्ला क्या कहने हैं ?
प्यारे रुपये बतला, इतना नीचे कैसे गिर गया रे !!
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प्याज उछल कर आसमान पर जा बैठा, “वो” देख रहे !
महंगाई का रोग यहाँ घर-घर पैठा, “वो” देख रहे !
चीन पडोसी जाल बिछाये है बैठा, “वो” देख रहे !!
चोर-उचक्का तोंद फुलाये हैं ऐंठा, “वो” देख रहे !!
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नेता जी का क्या, वे तो फारेन की थाली खाते हैं !
जनता की इच्छाओं, आशाओं पर पानी फिर गया रे !
ऊपर से तेरे नखरे माशा-अल्ला क्या कहने हैं ?
प्यारे रुपये बतला, इतना नीचे कैसे गिर गया रे !!
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बाप अभागा सोच रहा, कैसे बिटिया का ब्याह करूँ ?
आमदनी से खर्च अधिक, किस बल पर सुख की चाह करूँ ?
ज़िंदा रहूँ जगत में या फिर, जा समुद्र में डूब मरूं ?
फंदे में खुद को लटका लूं, या ज्वाला में कूद जरूँ ?
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छाया है घनघोर अँधेरा, दूर-दूर तक देख रहे !
रूठ गई है भाग्य लक्ष्मी, राह न कोई मिल रहा रे !
ऊपर से तेरे नखरे माशा-अल्ला क्या कहने हैं ?
प्यारे रुपये बतला, इतना नीचे कैसे गिर गया रे !!
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सोने-चांदी की कीमत, काबू से बाहर चली गई !
जनता इन नेताओं के झूठे वादों से छली गई !
छेद हो गया शेयर मार्केट का गुब्बारा फूट गया !
मुफ्तखोर धनपशुओं का तो प्यारा सपना टूट गया !
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भ्रष्ट, मूर्ख, लोभी शासक ने, चबा-चबा कर खा डाला !
कलप रहा है आम आदमी, पाप चतुर्दिक घिर गया रे !
ऊपर से तेरे नखरे माशा-अल्ला क्या कहने हैं ?
प्यारे रुपये बतला, इतना नीचे कैसे गिर गया रे !!
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जमाखोर दे रहे ताल, मस्ती में भ्रष्टाचारी है !
लाखों के कुछ क्लर्क और अरबों के, कुछ अधिकारी हैं !
छिने हमारी आज़ादी, क़ानून नया बनवायेंगे !
चेहरे से शैतान, शौक है, खुदा हमीं कहलायेंगे !!
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बोलो नहीं सटक कर बैठो, वरना डंडे खाओगे !
आज़ादी का देव आज शैतानों से फिर घिर गया रे !
ऊपर से तेरे नखरे माशा-अल्ला क्या कहने हैं ?
प्यारे रुपये बतला, इतना नीचे कैसे गिर गया रे !!
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